SDM Vs Tehsildar: SDM और तहसीलदार में क्या होता है अंतर, कौन है ज्यादा पावरफुल? जानिए काम करने के तरीके

SDM Vs Tehsildar: SDM और तहसीलदार में क्या होता है अंतर, कौन है ज्यादा पावरफुल? जानिए काम करने के तरीके

SDM Vs Tehsildar: SDM और तहसीलदार में क्या होता है अंतर, कौन है ज्यादा पावरफुल? जानिए काम करने के तरीके

एसडीएम (SDM) और तहसीलदार दोनों ही भारत में राज्य सरकार के अधीन होते हैं और न्यायपालिका के अंतर्गत काम करते हैं। यहां हम दोनों के बीच अंतर और उनकी पावर और कार्य करने के तरीकों के बारे में बता रहे हैं।

अंतर:

एसडीएम सभी तहसीलों के अधीन होते हैं, जबकि तहसीलदार केवल उन्हीं तहसीलों के अधीन होते हैं जो उनके नाम से होते हैं। इसके अलावा, एसडीएम एक जिले में कुछ तहसीलों के अधीन होते हैं, जो उनके विभाग के अंतर्गत होते हैं।

पावर:

SDM और तहसीलदार दोनों ही अपने क्षेत्र में सुपुर्द करने की जिम्मेदारी निभाते हैं, लेकिन एसडीएम के पास तहसीलदार के मुकाबले कुछ अधिक पावर होती है।

SDM एक अधिकारी होते हैं जो अपने क्षेत्र में कई अन्य सरकारी अधिकारियों के प्रबंधन और निरीक्षण के लिए जिम्मेदार होते हैं। उनका प्रमुख काम लोगों के मसलों और समस्याओं के न्यायिक संबंधों के समाधान करना होता है। वे न्यायालयों में जाकर विवादों के समाधान के लिए मध्यस्थता करते हैं और तहसीलदार से भी अधिक पैसे वसूलते हैं। उनका यह अधिकार सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक रहता है।

तहसीलदार एक अधिकारी होते हैं जो उनके तहसील के प्रशासनिक कार्यों के लिए जिम्मेदार होते हैं। उनका प्रमुख काम राजस्व विभाग के अंतर्गत भूमि, आबकारी, रसीद और अन्य शुल्कों के वसूली के लिए होता है। वे अपने तहसील में लोगों के विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। तहसीलदार एक अधिकारी होते हैं जो सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक काम करते हैं।

काम करने के तरीके:

एसडीएम और तहसीलदार दोनों ही सरकारी अधिकारी होते हैं और उन्हें अपने क्षेत्र में कुछ सरकारी अधिकारियों का प्रबंधन करना होता है। दोनों अधिकारियों के अधीन कुछ समान कार्य होते हैं, जैसे कि अपने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी लेना और अपने क्षेत्र में लोगो को संबोधित करना और अन्य सरकारी अधिकारियों को नियुक्त करना।

एसडीएम एक बड़े क्षेत्र का प्रभारी होते हैं जबकि तहसीलदार अपनी तहसील के प्रभारी होते हैं। इसलिए, एसडीएम का प्रभाव ज्यादा होता है। वे अपने क्षेत्र के अन्य सरकारी अधिकारियों को भी नियुक्त कर सकते हैं।

तहसीलदार उन सभी अधिकारियों का प्रबंधन करते हैं जो उनके तहसील में काम करते हैं। वे लोगों के आवासीय प्रमाणपत्र जारी करते हैं, भूमि और संपत्ति के लिए रजिस्ट्रेशन करते हैं और राजस्व विभाग के अंतर्गत अन्य शुल्कों के वसूली करते हैं। वे भी जिला अधिकारियों के अधीन काम करते हैं।

अंततः, एसडीएम और तहसीलदार दोनों ही सरकारी अधिकारी होते हैं और उनका काम लोगों की समस्याओं को सुलझाना और सुशासन को बनाए रखना होता है। दोनों ही अधिकारी एक अहम भूमिका निभाते हैं और सरकार के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

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